क्यों भारतीय युवा पीढ़ी में इतना डिप्रेशन है?

भारतीय युवा पीढ़ी में डिप्रेशन की व्यापकता के पीछे पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण, सिनेमा- इंटरनेट- टेलीविज़न के माध्यम से विलासिता और अनैतिकता के प्रति आकर्षण, धार्मिक- सामाजिक मानसिकता में बदलाव कई कारण हैं। निम्नलिखित कुछ और मुख्य कारक हैं:

भारतीय समाज में बदलते मानसिकता का प्रभाव: युवा पीढ़ी मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालने वाले बदलाव के बीच बढ़ रही है। युवा पीढ़ी की मानसिकता में आधुनिकता, सामाजिक मीडिया, रिश्तों की तोड़-मरोड़, सामाजिक तनाव जैसे परिवर्तन हुए हैं, वे युवा पीढ़ी को मानसिक तनाव और डिप्रेशन के प्रति अधिक प्रवृत्त कर रहे हैं।

बढ़ता दबाव: युवा पीढ़ी को शिक्षा, करियर, भविष्य की चिंताएं और सामाजिक प्रतिस्पर्धा के बीच बढ़ता हुआ दबाव महसूस हो सकता है। यह दबाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है और डिप्रेशन की संभावना बढ़ा रहा है।

सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियाँ: आधुनिक जीवनशैली, आर्थिक तंगी, परिवार में संघर्ष आदि कारणों से युवा पीढ़ी डिप्रेशन का सामना कर सकती है। इसके साथ ही, सामाजिक दृष्टिकोण से उन्हें स्वार्थपरता, असंतोष, आत्मसंवेदना की कमी, और सामाजिक आवाज को लेकर तनाव हो सकता है, जो डिप्रेशन के कारक बन रहे हैं।

तकनीकी प्रगति का प्रभाव: तकनीकी प्रगति और इंटरनेट के विकास ने युवाओं के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है। सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स, स्मार्टफोन का उपयोग आदि विभिन्न तकनीकी उपकरण युवाओं को आवाज़ और सोशल संपर्क से दूर कर रहे हैं, जो उनके लिए एकलता और अलगाव की भावना का कारण बन रही है। यह डिप्रेशन के विकास में योगदान कर रहा है।

इन कारकों के साथ, युवा पीढ़ी को मानसिक स्वास्थ्य को संबंधित जागरूकता, सही समर्थन, और सकारात्मक मनोवृत्ति के लिए संपूर्ण समर्पण की आवश्यकता होती है।